रविवार, 15 अक्तूबर 2023

कुछ सवाल

मेरी कविता 

कुछ सवाल है 
जो अनुत्तरित है 
कुछ जवाब है 
जो खुद 
सवाल बन गए है 
सिलसिला टूटता ही नही 
न सवालो का 
न जवाबो का 
क्रिया और प्रतिक्रिया जारी है 
पर 
कही तो कोई दीवार होगी 
या 
होगा इस सफर का डेड एंड 
जो रोक देगा क्रिया को 
और 
प्रतिक्रिया को भी 
और 
फिर सब होगा शांत शांत ।

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