रविवार, 31 मार्च 2024

नाखून

नाखून

औरत को देखते ही
आँखों में नाखून उगना कब से शुरू हुआ?
जब हम असभ्य थे
या जब सभ्य हो गए!

औरत को देखते ही
उसे घायल कर देने की प्रवृत्ति कब से आयी?
जब हमारे पास शब्द नहीं थे
या 
जब हमने भाषा गढ़ ली!

औरत को देखते ही
उसमें प्रवेश करने की उत्कंठा
कब से हिलोरें मारने लगी?
जब हम कुछ नहीं जानते थे
या 
जबसे हमने ईश्वर गढ़ लिया !

औरत को देखते ही
उसपर क़ाबिज़ होने की इच्छा
कब से उत्पन्न हुई?
किसी बर्बरता को देखकर 
या जबसे हमने बर्बरता का सामान्यीकरण कर लिया


यह सब त्रासदियाँ हैं
मनुष्यता के पक्ष में लड़ने के लिए
इन त्रासदियों को ख़त्म करने के लिए
नए औज़ार बनाने होंगे

- डॉ. सी. पी. राय

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