शनिवार, 6 अप्रैल 2024

ऐसा क्यो होता है अक्सर

मेरी कविता:

ऐसा क्यो होता है अक्सर
कि 
जिस जमीन पर आप 
बुनियाद बनाना चाहते है 
वही दलदल निकल आती है 
और 
धंस जाता है खुद का वजूद 
जिस पेड़ को मजबूत समझ 
छप्पर का आधार बनाना चाहते है 
वही इतना कमजोर निकल जाता है 
कि 
तनिक सा बोझ पडते ही 
लचक जाता है 
और 
सब कुछ जमीदोज हो जाता है 
पहाडी पर चढ़ते वक्त 
पहला ही पत्थर 
कमजोर निकल जाता है 
और 
पहले ही कदम पर घायल कर 
चढाई छोड़ने को मजबूर कर देता है ।
खैर 
हिम्मत तब भी नही हारते लोग 
और 
जारी रखते है खोज 
एक मजबूत ,पुख्ता जमीन की 
पूरी तरह लम्बे समय तक 
मजबूती से खड़े रहने वाले पेड़ की 
और 
पहाडी पर घायल होकर भी 
अन्तिम चोटी तक पहुचने के 
सही मार्ग की ।

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