१- ना दो बन्दूक मेरे हाथो में
हो जायेगा खून कुछ तथाकथित समाजवादियो का
जो सत्ता,औरत ,धन और जमीन देख
कुत्ते की तरह जीभ लपलपाते है
सभी को कमजोर और गरीब बनाते है
सूंघ सूंघ कर खा जाते है हमारा माल
फिर थपकी देकर कहते है खुद को सम्हाल
२-मै एक सार्वजानिक चौराहे पर खड़ा था
सामने एक गरीब मुर्दा पड़ा था
तमाम समाजवादी जहाज से उतर
बड़ी बड़ी गाडियों में आ रहे थें
साथ साथ चमचे नारा लगा रहे थे
इसे ना भूख है ना प्यास है
क्योकि ये सच्चे समाजवादी की लाश है
३-रामकली ने देखा और भोगा की
गरीब औरत की कोई इज्जत नही है
उसकी इज्जत की कोई कीमत नही है
ऊँचे घरो में रहने वालो की इज्जत है कीमत है
तों उसने अपनी इज्जत बेंचना शुरू कर दिया
हर बड़े से उसकी इज्जत खींचना शुरू कर दिया
और अपना घर इज्जत यानी पैसे से भर दिया
अब उसके पास भी कोठी है कार है
उसका भी बहुत फैला हुआ कारोबार है
अब बड़ो के लिए उसका घर स्वर्ग का द्वार है
अब वह भी समाज में बहुत इज्जतदार है
४-एक माह से राशन की लाईन लगा लगा
एक आदमी शहीद हो गया
बेचारे ने बस आँख मुदा और चिर स्वप्नों में खो गया
दो चार दी बाद जब सड़ी हुई लाश से बदबू आई
तब लोगो ने उसे देखा और फिर भीड़ घबराई
नाक दबाये कुछ लोग उसके पास आये और पूछा
भाई तुम्हे क्या हो गया है राशन कुछ दिनों में मिल जायेगा
आखिर कहा खो गया है
मजबूती से लाइन में लग जा वरना पीछे वाला
बड़े लोगो के बच्चो की तरह धक्का देकर आगे बढ़ जायेगा
और फिर तू अगले साल तक राशन नही पायेगा
तू यहाँ पड़े पड़े समाजवाद की लाश बन जायेगा
तभी आकाश से आवाज की आई सुन मेरे भाई
जनता को दो से ही आशाये और निराशाए होती है
एक नेता से एक भगवान से
नेता तों कुछ देने से रहा
उसका तों सब उसके ख़ानदान के लिए ही कम है
जब नेता ने राशन नही दिया, मै छला गया
इसलिए राशन मांगने भगवान के पास चला गया
हो जायेगा खून कुछ तथाकथित समाजवादियो का
जो सत्ता,औरत ,धन और जमीन देख
कुत्ते की तरह जीभ लपलपाते है
सभी को कमजोर और गरीब बनाते है
सूंघ सूंघ कर खा जाते है हमारा माल
फिर थपकी देकर कहते है खुद को सम्हाल
२-मै एक सार्वजानिक चौराहे पर खड़ा था
सामने एक गरीब मुर्दा पड़ा था
तमाम समाजवादी जहाज से उतर
बड़ी बड़ी गाडियों में आ रहे थें
साथ साथ चमचे नारा लगा रहे थे
इसे ना भूख है ना प्यास है
क्योकि ये सच्चे समाजवादी की लाश है
३-रामकली ने देखा और भोगा की
गरीब औरत की कोई इज्जत नही है
उसकी इज्जत की कोई कीमत नही है
ऊँचे घरो में रहने वालो की इज्जत है कीमत है
तों उसने अपनी इज्जत बेंचना शुरू कर दिया
हर बड़े से उसकी इज्जत खींचना शुरू कर दिया
और अपना घर इज्जत यानी पैसे से भर दिया
अब उसके पास भी कोठी है कार है
उसका भी बहुत फैला हुआ कारोबार है
अब बड़ो के लिए उसका घर स्वर्ग का द्वार है
अब वह भी समाज में बहुत इज्जतदार है
४-एक माह से राशन की लाईन लगा लगा
एक आदमी शहीद हो गया
बेचारे ने बस आँख मुदा और चिर स्वप्नों में खो गया
दो चार दी बाद जब सड़ी हुई लाश से बदबू आई
तब लोगो ने उसे देखा और फिर भीड़ घबराई
नाक दबाये कुछ लोग उसके पास आये और पूछा
भाई तुम्हे क्या हो गया है राशन कुछ दिनों में मिल जायेगा
आखिर कहा खो गया है
मजबूती से लाइन में लग जा वरना पीछे वाला
बड़े लोगो के बच्चो की तरह धक्का देकर आगे बढ़ जायेगा
और फिर तू अगले साल तक राशन नही पायेगा
तू यहाँ पड़े पड़े समाजवाद की लाश बन जायेगा
तभी आकाश से आवाज की आई सुन मेरे भाई
जनता को दो से ही आशाये और निराशाए होती है
एक नेता से एक भगवान से
नेता तों कुछ देने से रहा
उसका तों सब उसके ख़ानदान के लिए ही कम है
जब नेता ने राशन नही दिया, मै छला गया
इसलिए राशन मांगने भगवान के पास चला गया
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dhanyavad
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