जयप्रकाश जयप्रकाश रट रट के लोग यहाँ देश के प्रधान और मंत्री बन आये थे,
साथ साथ चीखते थे क्रांति क्रांति उनके वे चौहत्तर में क्रांति का शंख जो बजाये थे|
समझी थी जानता कुछ भला करे देश का ये इसीलिए वोट उनको ही डाल आये थे,
पर पता चला की एक सत्ता को हटा के यारो सत्तालोलुपो की पूरी फ़ौज ले आये थे|
लोकतंत्र लोकतंत्र की तों बात सब करे पर लोकतंत्र का मतलब ना कोई जानता
लोकतंत्र नही ये तों भीडतंत्र है यारो डंडे गोली बिना यहाँ कोई बात नही मानता
समझे है अर्थ सब जो चाहे सो करे चाहे कोई मारे और चाहे कोई मर जाये
लोकतंत्र वहा नही चल सकता है देश जो अधिकार और कर्त्तव्य ना पहचानता
हर वर्ष मनाते हो आजादी दिवस पर अब तक देश में आजादी नही आई है
चारो ओर भूख भ्रस्टाचार बेकारी यहाँ आजादी पे कैसी बदली सी छाई है
भरे है गोदाम के गोदाम इस देश के पर फिर भी कैसे बढ़ रही महंगाई है
नही तेरी मेरी नौकरशाह व्यापारी नेता इनकी खातिर आजादी चली आई है
जब तक इन्कलाब का स्वर फूटेगा नही तब तक देश में आजादी नही आएगी
जब तक भ्रष्टाचारियो से पिंड छूटेगा नही तब तक देश में आजादी नही आयेगी
जब तक फसेंगे नही नेता नौकरशाह यहाँ और व्यापारियों को जेल हो जाएगी
सुनो ये कह रहा हूँ इस देश में यारो जनता के जागे बिन आजादी नही आएगी
जाति और संप्रदाय का ही बोलबाला यहाँ तब लोकतंत्र भला कैसे रह पायेगा
नेता चुनाव लड़े नीतियों और आदर्शो पर भ्रष्टाचारी पूंजीपति कैसे सह पायेगा
इतना जहर भरा है लोकतंत्र की जड़ो में कोई भी हो कुछ भी नही कर पायेगा
लोकतंत्र तभी जिन्दा होगा इस देश में फूट कर जब सब मवाद बह जायेगा
संसद में हल्ला मचाते है हम
जूते और चप्पल चलते है हम
लाशो पर चल कर आई आजादी
शहीदों को कैसे लजाते है हम
लिखा वेद शास्त्रों में आएगी प्रलय कल हमने इसी के लिए रास्ता बनाया है
नही कही भूख है नही है बेकारी कही सारा पैसा परमाणु भट्ठी में लगाया है
परमाणु बम से ही भूख मिटाना अब दाया और बांया हाथ इसी में जुटाया है
दोनों हाथ कल झगडा करे ना कही इसीलिए दोनों को ये झुनझुना थमाया है
झगडा किया जो कल दांये बांये हाथ ने झगड़े में सारा ही शरीर जल जाना है
मिट गया शरीर तों कल फिर बचेगा क्या किसलिए इतना सब कुछ जुटाना है
किसलिए बनाये जा रहे परमाणु बम जब की पता है किसी काम नही आना है
इन्ही पैसो से मिल सकता उन्हें जीवन जो भूखे नंगे है और ना कोई ठिकाना है
साथ साथ चीखते थे क्रांति क्रांति उनके वे चौहत्तर में क्रांति का शंख जो बजाये थे|
समझी थी जानता कुछ भला करे देश का ये इसीलिए वोट उनको ही डाल आये थे,
पर पता चला की एक सत्ता को हटा के यारो सत्तालोलुपो की पूरी फ़ौज ले आये थे|
लोकतंत्र लोकतंत्र की तों बात सब करे पर लोकतंत्र का मतलब ना कोई जानता
लोकतंत्र नही ये तों भीडतंत्र है यारो डंडे गोली बिना यहाँ कोई बात नही मानता
समझे है अर्थ सब जो चाहे सो करे चाहे कोई मारे और चाहे कोई मर जाये
लोकतंत्र वहा नही चल सकता है देश जो अधिकार और कर्त्तव्य ना पहचानता
हर वर्ष मनाते हो आजादी दिवस पर अब तक देश में आजादी नही आई है
चारो ओर भूख भ्रस्टाचार बेकारी यहाँ आजादी पे कैसी बदली सी छाई है
भरे है गोदाम के गोदाम इस देश के पर फिर भी कैसे बढ़ रही महंगाई है
नही तेरी मेरी नौकरशाह व्यापारी नेता इनकी खातिर आजादी चली आई है
जब तक इन्कलाब का स्वर फूटेगा नही तब तक देश में आजादी नही आएगी
जब तक भ्रष्टाचारियो से पिंड छूटेगा नही तब तक देश में आजादी नही आयेगी
जब तक फसेंगे नही नेता नौकरशाह यहाँ और व्यापारियों को जेल हो जाएगी
सुनो ये कह रहा हूँ इस देश में यारो जनता के जागे बिन आजादी नही आएगी
जाति और संप्रदाय का ही बोलबाला यहाँ तब लोकतंत्र भला कैसे रह पायेगा
नेता चुनाव लड़े नीतियों और आदर्शो पर भ्रष्टाचारी पूंजीपति कैसे सह पायेगा
इतना जहर भरा है लोकतंत्र की जड़ो में कोई भी हो कुछ भी नही कर पायेगा
लोकतंत्र तभी जिन्दा होगा इस देश में फूट कर जब सब मवाद बह जायेगा
संसद में हल्ला मचाते है हम
जूते और चप्पल चलते है हम
लाशो पर चल कर आई आजादी
शहीदों को कैसे लजाते है हम
लिखा वेद शास्त्रों में आएगी प्रलय कल हमने इसी के लिए रास्ता बनाया है
नही कही भूख है नही है बेकारी कही सारा पैसा परमाणु भट्ठी में लगाया है
परमाणु बम से ही भूख मिटाना अब दाया और बांया हाथ इसी में जुटाया है
दोनों हाथ कल झगडा करे ना कही इसीलिए दोनों को ये झुनझुना थमाया है
झगडा किया जो कल दांये बांये हाथ ने झगड़े में सारा ही शरीर जल जाना है
मिट गया शरीर तों कल फिर बचेगा क्या किसलिए इतना सब कुछ जुटाना है
किसलिए बनाये जा रहे परमाणु बम जब की पता है किसी काम नही आना है
इन्ही पैसो से मिल सकता उन्हें जीवन जो भूखे नंगे है और ना कोई ठिकाना है
स्वागत है आपके इस नये चिट्ठे का।
जवाब देंहटाएंसुंदर रचना।
dhanyavad
जवाब देंहटाएंसंसद में हल्ला मचाते है हम
जवाब देंहटाएंजूते और चप्पल चलाते है हम
लाशो पर चल कर आई आजादी
शहीदों को कैसे लजाते है हम
सटीक
sabhi ka abhar
जवाब देंहटाएंहिंदी ब्लाग लेखन के लिए स्वागत और बधाई
जवाब देंहटाएंकृपया अन्य ब्लॉगों को भी पढें और अपनी बहुमूल्य टिप्पणियां देनें का कष्ट करें
इस नए सुंदर से चिट्ठे के साथ हिंदी ब्लॉग जगत में आपका स्वागत है .. नियमित लेखन के लिए शुभकामनाएं !!
जवाब देंहटाएंaap sabj ka aabhar
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