शनिवार, 14 अगस्त 2010

नेता जी भाषण कर रहे थे आओ मन्दिर मन्दिर खेले

नेताजी भाषण कर रहे थे ,
आओ मंदिर मंदिर खेले ,
लोग द्वापर,त्रेता भूल गए है ,
उन्हें मंदिर की तरफ धकेले|
यह देश है महान ,
यही पैदा हुए करोडो देवता और कई भगवान,
इसलिए तुच्छ इंसानों हमारी बात मानों |
मैंने कहा नेताजी
यही किसी ने नहाती हुई औरतो के कपडे चुराया था ,
किसी को केवल धनुष छू लेने से गुस्सा आया था |
भगवान होते हुए युद्ध नहीं रोक पाए ,
महाभारत करवाया था |
यही स्त्री और राज्य जुए में हारे थे
पर वे महान थे ,
एक औरत को पांचो ने बना लिया पत्नी
फिर भी चरित्रवान थे |
औरत भगाई वे अच्छे थे ,
हाथी और आदमी में फर्क नहीं किया
कितने सच्चे थे |
यह देश इतना महान था,
आशीर्वाद से बच्चे पैदा करने का
केवल संतो ,इन्द्र और सूर्य को ज्ञान था |
यहाँ आदर्श है और
उसके लिए बहुत संघर्ष है,
जयद्रथ अभिमन्यू भीष्म के वध
यही सन्देश देते है ,
एकलव्य का अंगूठा और बाली की हत्या
यही सन्देश देते है |
यही सीता को आग में चलाया गया
और बच गई तों जंगल पहुचाया गया |
इन्द्र ने अहिल्या से किया व्यभिचार
और ऋषि ने उसे पत्थर बनाया |
राम ने फिर औरत बनाया की
फिर कोई इन्द्र ले इज्जत उतार,
ताकि कोई भगवान कर सके उद्धार|
यहाँ जब किसी ने तप और साधना किया तों ,
उसे राक्षसों ने कम देवताओ ने ज्यादा उजाड़ा ,
कभी रम्भा ,कभी मेनका से
उसका इमान बिगाड़ा |
कोई देव ना बन पाए ये लड़ाई पुरानी है ,
जी हा आज कोई अच्छा ना रहे
यह उसी सीख की निशानी है |
मैंने कहा नेताजी क्या क्या बताऊ ,
करोडो देवो में से
किसके किसके किस्से सुनाऊ,
नेताजी तमतमाए ,
मुर्ख अज्ञानी धर्म के खिलाफ बात करता है,
नहीं डरता है ज्यादा पढ़ गया है
प्रगतिशीलता का बुखार चढ़ गया है|
नहीं जानता बड़े सिर्फ बड़े ही महान होते है.,
भगवान केवल राजाओ के यहाँ ही पैदा होते है ,
वही बड़े ज्ञान होते है|
हमें उनके कर्म और विचारो पर
चिंतन का अधिकार नहीं है,
अगर कर रहे है तों धर्म से प्यार नहीं है |
ऐसा करने वाला नरक में जायेगा,
बड़ी सजा पायेगा |
हमने कहा नेताजी क्या होता है
नरक और उसकी सजा ?
पैदा होने से पहले बच्चे को पेट से निकाल
चाकुओ से गोद कर जलाना ,
किसी ट्रेन कार या घर में चीखते हुए जलना,
राख की ढेर में अपनों की लाश चुनना |
जली बस्ती में अपना घर तलाश करना,
बिना कारण अंजानो के हाथ मरना ,
भूखा रहने पर आत्महत्या या शरीर बेचना ,
पेट भरने के लिए चिता से लाश
और कफ़न खींचना |
लोग भूख ,बेरोजगारी ,
लाचारी क्या क्या सह रहे है,
आप नरक से डर की बात कह रहे है |
आपके देव कहा चले जाते है
जब उनका ही कोई तडपाया जाता है  ,                                                
किसी को विष, किसी को गोली,
किसी को सूली पर चढ़ाया जाता है |
करोडो के पेट हो ख़ाली पर
करोडो लीटर दूध नाली में बहता है ,
करोडो लोगो का खाना हवन में जलता है ,
मंदिर के तहखाने में होता है
व्यभिचार और हत्या,
थैली देख मंदिर में पूजा कराइ जाती है,
जहा अबोध बच्चा
दूध या दवा के बिना मर जाता है ,
पापी सबका हिस्सा अकेले चर जाता है
इसलिए नेताजी जानता को मत बहकाओ ,
मंदिर मस्जिद लाशो पर नहीं
इन्सान के दिल में बनाओ |
उसमे इमान और कर्म का भाव जगाओ ,
नफ़रत की नहीं प्रेम की गंगा बहाओ |
राम ,नानक ,अल्ला ,ईशा
किसी के नाम का राज बनाओ ,
उसमे
भूख बेकारी महामारी पाप अत्याचार ना हो,
कफ़न  मौत और वोट का व्यापार ना हो,
वरना जनता जाग रही है ,
इसीलिए तुम्हारे नकली धर्म से भाग रही है |
अगर आया उसकी शांति में अवरोध
तों
तुम सब अंतिम बार दण्डित किये जाओगे ,
ताकि मानवता को खंडित होने से बचाया जाये ,
अलग अलग ईश्वर का भेद मिटाया जाये,
लोगो को मारने लूटने और जलाने वालो का नहीं,
बनाने और बढ़ाने वालो का समाज बनाया जाये|
जब हर इन्सान के दिल में आ जायेगा
नानक अल्ला ईशा और राम ,
तों एक नहीं करोडो धर्मस्थल
अपने आप बन जायेंगे|
ना जमीन का झगडा ना ईंट ना गारा
ना दीवार ना दंगा ना हत्या,
चारो तरफ मंदिर मस्जिद
चर्च गुरद्वारा नजर आयेंगे |
नेताजी आइये ऐसी दुनिया बनाये ,
नरक को मिटाए,
मंदिर मंदिर मस्जिद मस्जिद नहीं
बल्कि इन्सान इन्सान खेले,
नेताजी स्वयं सहित सबको
इंसानियत की तरफ धकेले |.

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