शनिवार, 14 अगस्त 2010

हे रास्ट्र पिता बापू

हे रास्ट्र पिता बापू
चरण स्पर्श ,तुम्हारे आदर्श .
तुमने रामराज्य का स्वप्न देखा था
देखो
हम कितना जल्दी जल्दी ला रहे है .
तुमने जितने भी सिधांत दिए थे ,
देखो
हम कितना मन से निभा रहे है .
पुलिस वाला कहता है,
हम भी बापू के सिधांतो पर चलते है
इसीलिए हाथ में लाठी लिए फिरते है .
सरकारे ! अहिंसा का पालन कर रही है ,
नित्य रजिस्टर गुनाहों से भर रही है .
रोज लाठी और गोली चलवाती है ,
इस तरह आप के रामराज्य को
हिंसा होने से बचाती है .
नौकरशाही ने
आपके तीन बंदरो को अपनाया है ,
उन्ही को
अपने जीवन का मापदंड बतलाया है .
इनका कहना है कि किसी को
इनका बुरा
ना देखना,न कहना,न सुनना चाहिए ,
जो ये बहा रहे है
उसी धारा में बहना चाहिए .
वो धारा सबको स्वर्ग ले जाएगी
और
आपके सपने को सच बनाएगी .
कचहरी और दफ्तरों में भी
आप का ही बोलबाला है ,
वहा के लोग कहते है की
जो आप की बात ना माने
तो उसका मुह काला है ,
इसीलिए हर काम की फीस
अलग अलग पद और काम के अनुसार
कम से कम पाँच बताई जाती है ,
कोई कम ना दे अतः पीठ पीछे लगी
आपकी पंजे वाली तस्वीर दिखाई जाती है .
बापू आपकी लंगोटी भी खूब चल रही है ,
उसे देख कर आज की महिलाये
खूब मचल रही है .
लंगोटी थी प्रतीक
कम आवश्यकताओ की
उसे उन्होंने अपनाया है.
इसीलिए कुछ कपड़ा गायब हो गया है
और कुछ नीचे उतर आया है .
सत्य ! ये तों नेताओ को प्यारा है ,
ये ही उनके जीवन का सहारा है
नेता सत्य पर चल रहे है
इसीलिए रोज विचार बदल रहे है .
उनका कहना है की जहा सत्य मिलेगा
वही जायेंगे
और
कुर्सी सत्य का एकमात्र साधन है ,
हर हालात में उसे अपनाएंगे .
बापू आपके रामराज्य में
कुछ बाकी रह गया हो तों बताना ,
तमाम जाँच आयोग बैठ रहे है ,
एक और बैठाएंगे ,
उसकी संभावनाओ के बारे में
पता लगायेंगे .
मगर आप कही दुबारा
हिन्दोस्तान में पैदा होना चाहो
तों सम्हल  कर आना
वर्ना पड़ेगा पछताना ,
क्योकि रामराज्य आ गया है ,
वो गुलाम रास्ट्र नहीं
जहा गाँधी को पहचाना जायेगा ,
यहाँ तों वो पुजेगा जो
आज के नेताओ जैसा बन कर आएगा ,
रोज सुबह के नाश्ते से लेकर
रात के भोजन तक गांधीवाद खायेगा .
अच्छा बापू पत्र ख़त्म कर रहा हूँ ,
नीद आ रही है ,
मेरी क्या गलती है ,
पूरे हिन्दुस्तान को चिर निद्रा सता रही है ,
बापू जिस दिन ये हिंदुस्तान
अपनी चिर निद्रा से जाग जायेगा ,
उस दिन आपके देश में सच्ची आजादी ,
सच्चा लोकतंत्र और सच्चा गांधीवाद आएगा|

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