शुक्रवार, 27 जुलाई 2018

मुनादी हो गयी है

मुनादी हो गयी है 

कि
गाय अब हरगिज न पालें
अगर पालते है तो सड़क पर
हरगिज ना निकाले 
फिर भी निकले
तो जिम्मेदारी आपकी है
गाय पंर जो भी करेगे
हम करेंगे
काटेगे या कही पंर बेच देगे
देश मे भी 
कौन खाये या न खाए
चुनांव देखकर
उसकी इजाजत हम ही देंगे

मुनादी हो गयी है
कि
प्यार पंर पाबंदियां है
गर भाई और बहन हो
या हो मियां और बीबी
तो कागज ले के निकलो
की दोनो सचमुच वही हो

मुनादी हो गयी है
कि
लोकतंत्र की 
नई परिभाषा पढ़ लो
जान जाओ 
फिर उसी रस्ते पर बढ़ लो 
सत्ता पर कोई उंगली उठाये
उससे पहले जरा ये जान जाए
की 
जान का जोखिम बहुत है
बन्दूक की नली से 
निकलती है सत्ता
ये तो पढ़ा था
पर सत्ता बंदूक और 
हिंसा से है चलती
ये भी पढ़ लो

मुनादी हो गयी है
कि
कोई अखबार हो या हो टी वी
सब सत्ता की भाषा ही बोले
किसी सिद्धांत के बहकावे में आये
उससे पहले ज़रा ये जान जाए
कि सत्ता चीज क्या है
और
सत्ता का संगठन चौकस खड़ा है
कुछ भी हो जाए
तो हमको क्या पता है
वो खुद ही जाने
या फिर बात माने 

मुनादी हो गयी है
कि
क्या जरूरी है ये इतिहास पढ़ना
इतिहास अबतक जो भी पढ़ा था
सब कूड़े से भरा था
जो हमको देश का दुश्मन बताता
पढ़ना है तो राष्ट्र गौरव पढ़ो सब
नया इतिहास
जो अब हम समझा रहे है
है वही इतिहास असली
और
इतिहासों के पुरोधा भी वही है
जो जो हम बताए
जो इनको अब नही मानेगा उसको
रास्ते पर लाना भी आता हमे है
फिर काहे का गम 
गांधी से कलबुर्गी तक को
समझा चुके हम 

मुनादी हो गयी है
कि
ये आज़ादी बेवजह है 
और
ऐसे लोकतंत्र का भी क्या करोगे
ये चुनांव भी तो केवल खर्च ही है
छोड़ो इसको बस हमे ही सत्ता दे दो
जब तलक ये मुल्क जिंदा है
और
जिंदा है लोग कुछ भी
फिर देखो हम क्या करेंगे
पर ये अभी हम क्यो बताए 

मुनादी हो गयी है
किअपने मुह सिले सब
और 
वो हो बोले जो हम बताए
आंखे बंद कर ले
और वो ही देखे
जो हम दिखाए
कानों में ठूस लो कुछ 
सुनना भी क्या जरूरी
दिमागों पर भी कोई जोर क्यो दो
बस उतना जानो
जितना हम जनाये 

मुनादी हो गयी है
कि अब सब मांन जाये
कि सबके हम खुदा है
सत्य है हम ,न्याय है हम
शास्वत भी हम ही है 

मुनादी हो गयी है
कि
अब कोई चित्र हो या बुत बनाये
पर क्या बनाना है
पहले हमको बताए
जो हम कहे फिर वो ही बनाये

मुनादी हो गयी है
कि
बुध्द ने कुछ भी कहा हो
पर
संघम शरणं गच्छामि
के अब नए मतलब समझ लो
अब हम पर 
उंगली उठाना द्रोह होगा
फिर नही कहना कि 
तुमने क्या है भोगा
मुनादी हो गयी है ।

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