आज होली है ,
रंग लगाना है ,
लगा लो,
अच्छे अच्छे रंग डालो,
ये लाल रंग है ,
लहू का भी लाल होता है,
फैसला तुम्हारा,
किसी के लिए रक्तदान करो
या
बेगुनाहों का रक्त बहालो,
या रुके हर तरह का रक्तपात
ऐसी कोई व्यवस्था बनालो
और आप हरा रंग लाये हो ,
लगता है कीचड में नहाये हो,
आओ पूरी धरती को
फिर हरा भरा बनाये,
हों भरपूर फसलें,
फलों के बगीचे ,
फूलो की क्यारी
नहीं तों गमले ही लगाये,
और नीला ,
नीला आसमान
नीला समुद्र
साफ हो नदियाँ,
साँस लेने लायक हवा ,
पीने लायक हो पानी
नहीं तों ,
खुद ही मिट जाओगे
तों होली कैसे मानोगे
पीला है तुम्हारा रंग
होली का अपनाओ नया ढंग,
गरीबी और बेबसी के कारण
जो बेटी आत्महत्या करने या,
बिकने को तत्पर है ,
उसे बचाने का
तुम्हे एक अवसर है,
उसके हाथ पीले कर,
कफ़न से बचा लो
पीली चुनरी ओढा दो ,
जीवन में खुशहाली
और उसके घर में
पीली होली सजादो |
तुम काला रंग ही लाये हो
या
तुम्हारा मन भी है काला ,
अपना इरादा बतादो ,
अपना असली चेहरा तो दिखादो ,
हो सके तों ये रंग समाज पर नहीं
समाज के दुश्मनों पर डालो,
उन्हें ढूढ़ निकालो और बतादो
काले इरादों के लिए नहीं है स्थान,
ये
राम कृष्ण बुद्ध महावीर गाँधी के साथ
सुभाष का हिंदुस्तान
काला रंग और काला इरादा
लेकर आओगे
तों पछताओगे,
रंग के साथ हम
खून की होली भी
खेलना जानते है,
भूले तों नही ७१ और कारगिल ,
अब आओगे तों मिट जाओगे, .
बाहर आसान पर अन्दर छिपे
काले मन वालो से लड़ाई गंभीर है,
वे हमारे बीच छिपे
ना पहचाने जाने वाले
गुलाल और अबीर है,
आओ
मिल कर सफाई का पानी डाले ,
उन्हें ढूढ़ कर निकाले,
सियार का रंग उतर जायेगा ,
समाज उन्हें रास्ते पर लायेगा
फिर सभी रंगों को मिला कर
इन्द्रधनुषी रंग बनाये,
उसी की होली खेलें,
पूरे भारत को वही रंग लगायें,
अपना देश महान होगा
जी हाँ ऐसा हिंदुस्तान होगा,
विश्व को रास्ता दिखायेगा
फिर विश्व गुरु कहलायेगा,
आओ इन इरादों की
चन्दन और रोली लगाओ,
हाथ का खंजर फेंक दो
और गले से लग जाओ |
कोई टिप्पणी नहीं :
एक टिप्पणी भेजें