शुक्रवार, 30 अप्रैल 2021

रच देते है कविता

ये जो लोग 
रोज पढते है 
नई किताबे 
रोज लिखते है 
कोई कविता 
गजल या कहानी 
और 
नये नये किस्से भी 
कितने 
सुखी लोग है वो
कितने निश्चिंत 
कितने बेपरवाह 
और 
रच देते है 
रोज कुछ नया
पर 
जो खुद को ही 
जिन्दा रखने 
के जतन मे 
बिता देते है दिन 
वो जिन्दा है 
ये भी तो रचना है ।

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