बुधवार, 10 जनवरी 2024

नारी तुम देवी हो

नारी तुम तो देवी पर मंदिर में 
नारी तुम तो श्रद्धा हो पर पन्नो में 
नारी तुम तो शक्ति हो नवरात्रि में 
नारी तुम तो सीता हो रामायण में 
नारी तुम तो सावित्री हो 
पति के लिए लड़ जाने वाली 
ये अलग बात है कोई पति नही लड़ा 
पत्नी की खातिर 
तुमको खुश रहने को क्या  कम है 
तुम मंदिर में पूजी जाती 
नवरात्रि में घर घर आती 
पर नारी तुम क्या हो तुम भी जानती 
बर्तन कपड़े चूल्हा पोछा और बिस्तर है 
इतना ही संसार तुम्हारा वरना डंडा 
जिस दिन द्रोपदी बन केश बांध लोगी तुम 
उस दिन हा उस दिन तुम शक्ति हो जावोगी ।

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