कुछ लोगों के शरीर ही नही
बल्कि आत्मा तक पर
इतने बाण लग चुके होते है
जमाने के
कि
कोई और बाण
लगने की जगह ही
नही बची होती है ।
अगर कोई चलेगा
तो
बाण पर ही लगेगा
और
उसे और गहरे तक
पैबस्त ही कर देगा न
घाव
और कितना गहरा हो जाता है
ऐसे में
और दर्द भी कितना बढ़ जाता है
उस बाण से ।
कोई टिप्पणी नहीं :
एक टिप्पणी भेजें